Generation of Computer in Hindi

जैसे कि हम सभी जानते हैं, कि कंप्यूटर के बिना कोई भी काम नहीं होता तो हमें यह भी जाना चाहिए, कंप्यूटर के पीढ़ी के बारे में कब से शुरू हुआ और कब तक
जैसे कि हम सभी जानते हैं, कि कंप्यूटर के बिना कोई भी काम नहीं होता तो हमें यह भी जाना चाहिए, कंप्यूटर के पीढ़ी के बारे में कब से शुरू हुआ और कब तक जाने वाला है ।

कंप्यूटर जनरेशन को जाना हमारे लिए बहुत जरूरी है इससे हमें नहीं पता चलेगा आखिर कंप्यूटर कैसे बनाया गया किन हालातों का सामना करते हुए आज हम इतने सालों से इस कंप्यूटर को चला पा रहे हैं । 

अगर आप कंप्यूटर के स्टूडेंट है, तो आपने कभी ना कभी ( vacuum tube ) का नाम जरूर सुना होगा । अगर मैं आसान शब्दों में कहूं तो यही कंप्यूटर की पहली पहली पीढ़ी यानी की जेनरेशन है। 


जनरेशन ऑफ कंप्यूटर


जब कंप्यूटर में कोई नई तकनीक का विकास होता है, तो उसके आधार पर एक नई पीढ़ी का जन्म होता है । चाहे कंप्यूटर का कोई भी पार्ट्स हो । 

सभी कंप्यूटर जो अभी तक बनाए गए हैं कंप्यूटर के मूलभूत सिद्धांत और उसके किसी भाग के नवीन रूप के विकसित होने पर नई पीढ़ी की शुरुआत होती है । जिसे हम कंप्यूटर जेनरेशन के नाम से जानते हैं । 

Example - Vacuum Tube, Transistor Integrated circuit ( IC ), Microprocessors, यह सभी कंप्यूटर जेनरेशन होने के कारण है ।  

इन्हीं के आधार पर 5 तरह के कंप्यूटर अभी तक बने हैं । हम आगे इनकी विशेषता और विकास के बारे में जानेंगे । कैसे इनमें बदलाव किया गया । 


First Generation of Computer ( कंप्यूटर की पहली पीढ़ी ) [ 1946 से 1958 तक ]


यानी कि कंप्यूटर की सबसे पहली पीढ़ी/जनरेशन यहीं से कंप्यूटर के बनाने का शुरुआत होता है, इस पीढ़ी के कंप्यूटर में सबसे अधिक वेक्यूम ट्यूब कंपोनेंट का उपयोग किया जाता था ।


वेक्यूम ट्यूब


इसका आकार बहुत बड़ा होता था जैसे कि आप ऊपर इस चित्र में देख सकते हैं, इसे ही वेक्यूम ट्यूब कहते हैं यह कंप्यूटर में लगने वाला डिवाइस है ।

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर में प्रोग्रामिंग करने के लिए मशीनी भाषा का उपयोग किया जाता था, जैसे कि 0 और 1 इसी को कंप्यूटर अपनी भाषा मानता है। जो हमारे लिए सिर्फ एक गिनती है । 

तो चलिए आगे देखते हैं कि हम इस नंबर का उपयोग करके कंप्यूटर से कैसे बात करते हैं । Computer से बात इस जनरेसन में करना बहुत मुश्किल था । 


पहला कंप्यूटर कब बना


पहला कंप्यूटर सन 1946 मैं जॉन मौचली और जॉन  प्रोस्पर ने बनाया था और उस कंप्यूटर का नाम ENIAC रखा गया जिस का फुल फॉर्म ( Electronic Numerical Integrator And Calculator ) होता है, जैसा इसका काम वैसा इसका नाम एनएसी 😎 यह 100 फीट लंबा और 10 फीट ऊंचा था । जैसा की आप निचे में ENIAC कंप्यूटर का फोटो देख सकते हैं.

ENIAC कंप्यूटर का फोटो


हम इसके लाभ के बारे में नहीं जानने वाले क्योंकि यह उतना खास नहीं था, और ज्यादा काम भी नहीं कर सकता था, इसीलिए हम इसके हानि के बारे में यानी कि डिश एडवांटेज के बारे में जाने वाले हैं ।

The disadvantage of First Generation Computer


वैसे तो डिसएडवांटेज बहुत सारे हो सकते हैं, इतना बड़ा कंप्यूटर जो है तो हम सिर्फ मुख्य कारणों के बारे में ही जानने वाले हैं । 


1. पहली पीढ़ी के कंप्यूटर में कार्य करने की गति काफी कम होती थी । RAM, प्रोसेसर की कमी थी ना इसलिए । 

2. इसी कारण से इसमें गणना करना सीमित था । यानी कि mathematics calculation बहुत कम होते थे । या फिर जल्दी कर ही नहीं पाते थे । 

3. इस पीढ़ी के कंप्यूटर में ऊष्मा तथा मेंटेनेंस की समस्या थी । बहुत बड़ा कंप्यूटर था । 

4. Mean time between failure बहुत कम था । 

5. High power consuming जिसकी वजह से खर्च अधिक था । 

6. बहुत महंगा कंप्यूटर था भाई हमारे बस की बात नहीं थी । 


बस इतना ही दोस्तों इस के बारे में और ज्यादा बुराई नहीं कर सकता चलिए दूसरी पीढ़ी को भी पढ़ लेते हैं । 


Second Generation of Computer [ दूसरी पीढ़ी का कंप्यूटर ] ( 1949 से 1964 तक )


दूसरी पीढ़ी का जन्म इस लिए हुआ क्योंकि अब Vacuum tube की जगह ट्रांजिस्टर ने ले लिया और इसी का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने लगा । 


Transistor का फोटो


Transistor
भी कंप्यूटर में लगने वाला एक डिवाइस होता है । जैसा ऊपर आप फोटो में देख सकते हैं । यह वेक्यूम ट्यूब से बहुत छोटा है, इसी कारण इसका बहुत ज्यादा उपयोग किया जाने लगा । 

ट्रांजिस्टर के कार्य करने की गति वेक्यूम ट्यूब से अधिक थी हम कह सकते हैं कि वेक्यूम ट्यूब से बेहतर ट्रांजिस्टर है । 

आगे इसका भी बाप आने वाला है । यहां ज्यादा गर्म भी नहीं होता था । यह आकार में वेक्यूम ट्यूब से छोटा व अधिक विश्वसनीय था । 


Transistor को किसने बनाया


ट्रांजिस्टर को बेल प्रयोगशालाओं में American physicist ( William shockley ) ने सन 1947 में विकसित किया था ।  ट्रांजिस्टर को बनाने वाले का फोटो नीचे में है । 


ट्रांजिस्टर को बनाने वाले का फोटो


चलिए अब जान लेते हैं इसके लाभ और हानि यानी कि advantage and disadvantage के बारे में  


The Attribute of Second Generation Computer


1. Storage device के रूप में पंच कार्ड के अलावा मैग्नेटिक टेप और डिस्क का उपयोग हुआ । 

2. Magnetic truck के स्थान पर अब magnetic core memory का उपयोग किया गया ।

3. Hardware भागो का सामूहि करण किया गया ताकि किसी भाग के खराब होने पर बोर्ड को बदला जा सके । 

4. उच्च स्तरीय भाषा में प्रोग्रामिंग किया जाने लगा जैसे - FORTRAN, COBOL इत्यादि ।

5. नए कंप्यूटर का उपयोग तथा इसी पीढ़ी में वायुयान के यात्रियों के लिए आरक्षण प्राणी आदि । यानी कि फुल तरक्की में है भाई । 😉


The Disadvantage of Second Generation Computer


1. एयर कंडीशनिंग लगाना आवश्यक था ।

2. व्यवसायिक उत्पादन संभव नहीं था ।

3. उपकरण का रखरखाव आवश्यक था ।

4. उपकरण को हाथ से ही असेंबल किया जाता था ।


यहां थे सेकंड जनरेशन के छोटे-मोटे एडवांटेजेस एंड डिसएडवांटेजेस चलिए हम देख लेते हैं हमारे तीसरे जनरेशन के बारे में ।


Third Generation of Computer ( तीसरी पीढ़ी का कंप्यूटर ) [ 1956 से 1974 तक ]


तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांजिस्टर की जगह मुख्य भाग IC यानी कि Integrated Circuit होते थे IC एक छोटा सा डिवाइस होता है, जिसमें बहुत सारे पिंस लगे होते हैं, आप नीचे के इस फोटो में देख सकते हैं । 


Integrated Circuit का फोटो


इसके उपयोग से कंप्यूटर जगत में एक क्रांति आ गई थी इसकी मदद से सारे काम जल्दी जल्दी होने लगे । वैसे तो इंटीग्रेटेड सर्किट कई प्रकार के होते हैं और सभी का अलग-अलग उपयोग होता है । 

इंटीग्रेटेड सर्किट IC को किसने बनाया 


मुझे फिक्स तो नहीं पता कि आखिर किसने Integrated circuit IC का आविष्कार किया लेकिन माना जाता है कि रॉबर्ट नोयस ने 1 9 5 9 में फेयरचिल्ड सेमीकंडक्टर में पहली मोनोलिथिक एकीकृत सर्किट चिप का आविष्कार किया। 

क्या आप जानते हैं कि इंटीग्रेटेड सर्किट चिप पर किसकी परत होती है । अगर नहीं तो हम आपको बताते हैं, इंटीग्रेटेड सर्किट पर सिलिकॉन की परत लगी होती है । जो इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स में सबसे अधिक उपयोग होने वाला धातु है । 


सबसे पहला मिनी कंप्यूटर किसने बनाया 


सबसे पहले मिनी कंप्यूटर जिसमें की IC का उपयोग किया गया जिसे PDP-8 नाम दिया गया जो कि एक फ्रिज के आकार का कंप्यूटर था । इस कंप्यूटर को DEC यानी कि ( Digital  Equipment Corporation ) नामक की कंपनी ने बनाया था. जिसका फोटो आप निचे देख सकते हैं.


सबसे पहला मिनी कंप्यूटर का फोटो


Attribute To Third Generation Computer 

1. Computer की श्रृंखला या परिवार की विचारधारा का चलन इसी पीढ़ी में प्रारंभ हुआ । जिसे आप आगे पढ़ने वाले हैं ।

2. कंप्यूटर की सभी क्रियाओं को नियंत्रित करने के लिए नियंत्रण प्रोग्राम का एक समूह ऑपरेटिंग सिस्टम बनाया गया । इस ऑपरेटिंग सिस्टम से कंप्यूटर के सभी आंतरिक कार्य स्वचालित हो जाते थे । 

3. तीसरी पीढ़ी में नई उच्च स्तरीय कंप्यूटर भाषा का विकास हुआ जैसे - BASIC.

4. कंप्यूटर के आकार को छोटा किया गया और उसे मिनी कंप्यूटर नाम दिया गया ।

लेकिन अब भी इसमें कुछ कमी थी जिसे फोर्थ जनरेशन के कंप्यूटर में develop किया गया । चलिए आप जानते हैं चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के बारे में । 


Fourth Generation of Computer ( चौथी पीढ़ी का कंप्यूटर 1975 से 1990 तक )


इस पीढ़ी के कंप्यूटर में IC का UPDATED VERSION ( LSIC ) यानी कि ( Large Scale Integrated Circuit ) का उपयोग मेन कंपोनेंट के रूप में उपयोग किया जाने लगा ।

अब इस प्रकार के IC मैं उसके इंच के चौथाई भाग में लगभग 3000 ट्रांजिस्टर के बराबर का परिपथ बनना संभव हो पाया । 

मेरा मतलब है कि एक छोटे से IC मैं लगभग 3000 से 4000 तक के ट्रांजिस्टर को IC के अंदर लगाया जाता था । अब संपूर्ण परिपथ को छोटे से चिप में तैयार किया गया, और उस चिप को Microprocessor कहां जाने लगा । 

माइक्रो प्रोसेसर का फोटो


आप ऊपर में देख सकते हैं कि एक माइक्रो प्रोसेसर कैसा दिखता है इसी पीढ़ी से माइक्रो प्रोसेसर का जन्म हुआ और यहां वर्तमान में भी चला आ रहा है । 

माइक्रो प्रोसेसर को किसने बनाया 


मुझे फिक्स तो नहीं पता लेकिन जब गूगल में टाइप करेंगे तो 4 लोगों का नाम आता है । 

1. Marcian Hoff

2. Federico Faggin

3. Masatoshi Shima

4. Stanley Mazor

यह चारों माइक्रो प्रोसेसर के इन्वेंटर कह जाते हैं गूगल के अनुसार । 


Attribute to 4th Generation Computer


1. इस पीढ़ी के कंप्यूटर में इलेक्ट्रॉनिक सर्किट को कम से कम जगह में रखने का प्रयास किया गया ।

2. एक छोटे से चिप में लाखों सिलिकॉन पदार्थ लगा दिया गया जिसे ट्रांजिस्टर कहते हैं । एक छोटे से चिप में लाखो ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाने लगा ।

3. Semiconductor internal memory - इस पीढ़ी में अर्धचालक पदार्थ की मेमोरी का उपयोग होने लगा । 

4. यहां नहीं मेमोरी, गति में तेज आकार में छोटी एवं मूल्य में कम थी जिसे कोई भी इंसान आसानी से खरीद सकता है ।

5. चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर के द्वारा किए जाने वाले कार्यों में विधि हुई ।

6. सॉफ्टवेयर में सुधार -  प्रत्येक क्षेत्र के लिए अलग-अलग सॉफ्टवेयर बनाया गया । Spreadsheet, application program सिस्टम सॉफ्टवेयर, इत्यादि कार्य करने वाले सॉफ्टवेयर तैयार किए गए ।

7. चतुर्थ पीढ़ी में BASIC, FORTRAN, COBOL इत्यादि programming language मैं काम करना आसान हो गया । 

8. Design support system - चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर से संपर्क स्थापित करने के लिए DSS प्रणाली तैयार की गई ।

दोनों के विवरण से स्पष्ट है कि तृतीय एवं चतुर्थ पीढ़ी के कंप्यूटर में काफी अंतर था, एवं कंप्यूटर विकास होता जा रहा है इसी विकास की प्रक्रिया के फल स्वरुप ही कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी का विकास हुआ जो कि तृतीय एवं चतुर्थ पीढ़ी से काफी विकसित है । 


Fifth Generation of Computer ( पांचवी पीढ़ी का कंप्यूटर 1980 से अब तक ) 


वर्तमान में जो अभी हम कंप्यूटर चला रहे हैं वह पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर हैं जिसमें RAM, ROM Processor, Hard Disk, CPU, GPU इत्यादि लगे होते हैं । 

इस पीढ़ी के कंप्यूटर को तैयार करने का मुख्य उद्देश्य ऐसे कंप्यूटर्स का विकास करना है जिसमें स्वयं सोचने की क्षमता हो । ARTIFICIAL INTELLIGENCE जिसे हम शॉर्ट में AI कहते हैं । 


Artificial Intelligence & AI & Machine Learning

आपने Google Assistant, Alexa यह दोनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उदाहरण हैं जो कि वर्तमान में उपयोग किया जा रहा है । इसे और अपग्रेड किया जा रहा है जापान, ब्रिटेन अमेरिका, आदि देशों में 

कंप्यूटर के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में VLIC यानी कि ( Very Large Scale Integrated circuit ) बनाए गए ।

जिससे माइक्रो कंप्यूटर का आकार दिनों दिन छोटा होता गया दुनिया के किसी भी स्थान से कम एक पोर्टेबल कंप्यूटर का उपयोग कर एक नई तकनीक " Internet " के जरिए सूचनाओं दस्तावेजों का आदान-प्रदान कर सकते हैं । 


Advantage of Fifth Generation Computer 


1. कंप्यूटर के  प्रकार - इस पीढ़ी के कंप्यूटर को कई तरह से बनाया जाता है, आकार और संरचना के आधार पर कंप्यूटर विभिन्न प्रकार के है जैसे कि Desktop, Laptop, Palmtop आदि मैं कंप्यूटर अवेलेबल है ।

2. Internet - यह दुनिया भर में उपयोग किया जाने वाला एक Computer Network हैं, दुनिया में कोई भी इंसान इस नेटवर्क को उपयोग कर सकता है । 

3. आप अभी इस ब्लॉग पोस्ट को इंटरनेट की मदत से ही पढ़ पा रहे हैं । कितनी कमल कि बात है ना ।

4. हम कोई भी जानकारी इंटरनेट कि help से आसानी से प्राप्त कर सकते हैं एग्जांपल के तौर पर अपने गूगल का उपयोग किया और इस ब्लॉग पोस्ट में आए हैं। कितना आसान है । 😎

5. मल्टमीडिया - ध्वनि, वीडियो चित्र, और टेक्स्ट को मिला कर multimedia का उपयोग इस पीढ़ी में विकास हुआ । 

6. नए तकनीक का विकास - होने के कारण इसके अनुप्रयोग में वृद्धि हुई, जैसे मूवी निर्माण, यातायात नियंत्रण, व्यापार और सोध आदि । 


Limitation 


1. इस पीढ़ी के कंप्यूटर में केवल एक ही Limitation हैं कि इसमें जटिल तकनीकों  का उपयोग किया जाता है । 


निष्कर्ष - अपने क्या सीखा


आज आपने सीखा कि कंप्यूटर के कितने जेनरेशन हैं, और उन सभी के Advantage And Disadvantage के बारे में, कब से कंप्यूटर का उपयोग किया जाने लगा । आपको पढ़ने में मज़ा आया होगा। 

उम्मीद करता हूं कि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होगी, अगर आपको कोई गलती नजर आती हैं या आपको लगता है कि कोई चीज इसमें गलत है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं । 

हम उसको बहुत जल्द सुधरेंगे । इस पोस्ट को पढ़ने के लिए धनियावाद Keep Reading 😎😎.


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